पीसीओएस और प्रजनन क्षमता पर इसका प्रभाव

पीसीओएस और प्रजनन क्षमता पर इसका प्रभाव

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं में बांझपन का एक प्रमुख कारण है। यह हार्मोन से जुड़ा विकार है जिसमें अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट बन सकते हैं और ओवुलेशन अनियमित हो जाता है।

 

PCOS प्रजनन को कैसे प्रभावित करता है:

• अनियमित पीरियड्स से ओवुलेशन ट्रैक करना मुश्किल होता है।

• अधिक एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) से अंडाणु का विकास प्रभावित होता है।

• इंसुलिन रेसिस्टेंस हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है, जिससे गर्भधारण कठिन हो सकता है।

 

लक्षण:

• अनियमित या बंद माहवारी

• मुंहासे, वज़न बढ़ना, और शरीर पर बाल अधिक होना

• गर्भधारण में कठिनाई

 

उपचार एवं प्रबंधन:

• जीवनशैली में बदलाव जैसे वजन कम करना, संतुलित आहार और व्यायाम से पीरियड्स नियमित हो सकते हैं।

• दवाइयों से ओवुलेशन और हार्मोन कंट्रोल किया जा सकता है।

• ज़रूरत पड़ने पर IUI या IVF जैसे तकनीकी उपाय अपनाए जा सकते हैं।

PCOS से पीड़ित महिलाएं भी माँ बन सकती हैं, बस सही सलाह और धैर्य की ज़रूरत है।

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