पुरुष बांझपन के लिए आईवीएफ की क्रांतिकारी तकनीक

ICSI – पुरुष बांझपन के लिए आईवीएफ की क्रांतिकारी तकनीक

आज की आधुनिक प्रजनन तकनीकों में, ICSI (इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन) एक ऐसी विधि है जो खासकर पुरुष बांझपन से जूझ रहे दंपत्तियों के लिए आशा की किरण है।

जहाँ सामान्य आईवीएफ प्रक्रिया में शुक्राणु और अंडाणु को एक साथ रखा जाता है, वहीं ICSI में एक स्वस्थ शुक्राणु को सीधे अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है। इससे निषेचन की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है, भले ही शुक्राणु की गुणवत्ता कम हो।

किन लोगों को ICSI की सलाह दी जाती है?

  • जिन पुरुषों में शुक्राणु की संख्या कम हो
  • जिनकी शुक्राणु गतिशीलता कमजोर हो
  • वेसेक्टॉमी के बाद बच्चा चाहने वाले पुरुष
  • जिनके पिछले IVF प्रयास असफल रहे हों
  • फ्रीज़ किए गए या सर्जरी से निकाले गए शुक्राणु का उपयोग करने वाले

ICSI को अक्सर IVF के साथ मिलाकर किया जाता है जिससे परिणाम और बेहतर होते हैं। गुरुग्राम की बेस्ट आईवीएफ डॉक्टर, डॉ. सोनू बल्हारा की देखरेख में, यह तकनीक कई जोड़ों को माता-पिता बनने का सुख दे चुकी है।

डॉ. बल्हारा का क्लिनिक अत्याधुनिक लैब्स, अनुभवी टीम और व्यक्तिगत देखभाल के लिए जाना जाता है, जो इलाज के नतीजों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

अगर आप भी IVF के रास्ते पर हैं या पिछली कोशिशें असफल रही हैं, तो ICSI आपके लिए उम्मीद की नई किरण हो सकती है। आज ही संपर्क करें और अपने सपनों को सच करें।

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